Me, Now/अब मैं

He gives me wings

But when I spread them to fly

He chops them

He gives me voice

But when I am about to speak

He shuts me out

He gives me feet

But when I am about to walk

He stops me

This is what happens when you let him decide your life

And so, I have decided

I will fly

Not with his wings

But mine

I will walk

Not with his feet

But mine

I will talk

Not with his voice

But mine

May be slowly

But atleast this is

Me, now

अब मैं

वो मुझे पंख देता है

पर उड़ने को होती हूँ तो कतर देता है

वो मुझे जबान देता है

पर बोलने को होती हूँ तो काट देता है

वो मुझे पाँव देता है

पर चलने को होती हूँ तो रोक देता है

ऐसा ही होता है तब जब आपके निर्णय कोई और लेता है

मैंने तय कर लिया है

दूसरेके पंखों से नहीं

अपनेपंखों सेउड़ान भरूँगी

अपने पांवोंसे आगेबढूंगी

अपनी जबान से अपनी बात आप कहूंगी

क्याहुआधीरे -धीरे,रुक -रुक कर ही सही